
CBI ने पांच ठिकानों पर हुई छापेमारी को लेकर जारी किया बयान, दलालों व सॉल्वर गैंग पर कसा शिकंजा
April 19, 2025
रायपुर । छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग (CGPSC) भर्ती घोटाले की जांच कर रही CBI ने गुरुवार को पांच ठिकानों पर हुई जांच को लेकर बयान जारी किया है। सीबीआई ने प्रेस विज्ञप्ति में कहा है कि रायपुर और महासमुंद में पांच स्थानों पर छापेमारी कर अहम दस्तावेज जब्त किए हैं। यह कार्रवाई उन पांच संदिग्धों के खिलाफ की गई है, जिनमें दलाल, पेपर सॉल्वर और अन्य शामिल हैं। यह मामला 2020 से 2022 के बीच डिप्टी कलेक्टर, डीएसपी जैसे वरिष्ठ पदों की भर्ती में गड़बड़ी से जुड़ा है।
केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) ने छत्तीसगढ़ में बहुचर्चित CGPSC भर्ती घोटाले की जांच के सिलसिले में एक और बड़ी कार्रवाई की है। रायपुर में तीन और महासमुंद में दो स्थानों पर छापेमारी कर कई महत्वपूर्ण दस्तावेज बरामद किए गए हैं।
CBI के अनुसार, ये सभी स्थान उन लोगों से संबंधित हैं जो मध्यस्थ, पेपर सॉल्वर या दलाल की भूमिका में रहे हैं। इनकी संदिग्ध भूमिका इस मामले की जांच के दौरान सामने आई थी।
CBI ने यह केस छत्तीसगढ़ सरकार के अनुरोध पर लिया था। इससे पहले यह मामला स्थानीय पुलिस द्वारा दर्ज किया गया था, जिसमें आरोप लगाया गया था कि 2020 से 2022 के बीच बिना मेरिट के करीबी रिश्तेदारों का चयन डिप्टी कलेक्टर, डीएसपी और अन्य वरिष्ठ पदों के लिए किया गया था।
अब तक की गिरफ्तारी:
CBI ने इस मामले में 18 नवंबर 2024 को CGPSC के तत्कालीन चेयरमैन श्री तमन सिंह सोनवानी और श्री श्रवण कुमार गोयल (डायरेक्टर, श्री बजरंग पावर एंड इस्पात लिमिटेड, रायपुर) को गिरफ्तार किया था।
इसके बाद 10 जनवरी 2025 को पांच और लोगों की गिरफ्तारी की गई, जिनमें प्रमुख नाम हैं:
नितेश सोनवानी (पूर्व चेयरमैन तमन सिंह सोनवानी के भतीजे, डिप्टी कलेक्टर के रूप में चयनित)
ललित गणवीर (तत्कालीन उप परीक्षा नियंत्रक, CGPSC)
12 जनवरी 2025 को तीन और अभियुक्तों को गिरफ्तार किया गया:
शशांक गोयल (डिप्टी कलेक्टर चयनित)
भूमिका कटियार (डिप्टी कलेक्टर चयनित)
साहिल सोनवानी (डिप्टी एसपी चयनित)
चार्जशीट दाखिल:
CBI ने 16 जनवरी 2025 को रायपुर की विशेष CBI अदालत में चार्जशीट दाखिल की, जिनमें सात आरोपी शामिल हैं:
तमन सिंह सोनवानी (A-1)
श्रवण कुमार गोयल (A-2)
शशांक गोयल (A-3)
भूमिका कटियार (A-4)
नितेश सोनवानी (A-5)
साहिल सोनवानी (A-6)
ललित गणवीर (A-7)
CBI ने बताया कि अन्य उम्मीदवारों की भूमिका की जांच अभी जारी है।
केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) ने छत्तीसगढ़ में बहुचर्चित CGPSC भर्ती घोटाले की जांच के सिलसिले में एक और बड़ी कार्रवाई की है। रायपुर में तीन और महासमुंद में दो स्थानों पर छापेमारी कर कई महत्वपूर्ण दस्तावेज बरामद किए गए हैं।
CBI के अनुसार, ये सभी स्थान उन लोगों से संबंधित हैं जो मध्यस्थ, पेपर सॉल्वर या दलाल की भूमिका में रहे हैं। इनकी संदिग्ध भूमिका इस मामले की जांच के दौरान सामने आई थी।
CBI ने यह केस छत्तीसगढ़ सरकार के अनुरोध पर लिया था। इससे पहले यह मामला स्थानीय पुलिस द्वारा दर्ज किया गया था, जिसमें आरोप लगाया गया था कि 2020 से 2022 के बीच बिना मेरिट के करीबी रिश्तेदारों का चयन डिप्टी कलेक्टर, डीएसपी और अन्य वरिष्ठ पदों के लिए किया गया था।
अब तक की गिरफ्तारी:
CBI ने इस मामले में 18 नवंबर 2024 को CGPSC के तत्कालीन चेयरमैन श्री तमन सिंह सोनवानी और श्री श्रवण कुमार गोयल (डायरेक्टर, श्री बजरंग पावर एंड इस्पात लिमिटेड, रायपुर) को गिरफ्तार किया था।
इसके बाद 10 जनवरी 2025 को पांच और लोगों की गिरफ्तारी की गई, जिनमें प्रमुख नाम हैं:
नितेश सोनवानी (पूर्व चेयरमैन तमन सिंह सोनवानी के भतीजे, डिप्टी कलेक्टर के रूप में चयनित)
ललित गणवीर (तत्कालीन उप परीक्षा नियंत्रक, CGPSC)
12 जनवरी 2025 को तीन और अभियुक्तों को गिरफ्तार किया गया:
शशांक गोयल (डिप्टी कलेक्टर चयनित)
भूमिका कटियार (डिप्टी कलेक्टर चयनित)
साहिल सोनवानी (डिप्टी एसपी चयनित)
चार्जशीट दाखिल:
CBI ने 16 जनवरी 2025 को रायपुर की विशेष CBI अदालत में चार्जशीट दाखिल की, जिनमें सात आरोपी शामिल हैं:
तमन सिंह सोनवानी (A-1)
श्रवण कुमार गोयल (A-2)
शशांक गोयल (A-3)
भूमिका कटियार (A-4)
नितेश सोनवानी (A-5)
साहिल सोनवानी (A-6)
ललित गणवीर (A-7)
CBI ने बताया कि अन्य उम्मीदवारों की भूमिका की जांच अभी जारी है।