
कोरबा में निगम की सत्ता पर किसका होगा कब्जा ? कांग्रेस की गुटबाजी फिर न पड़ जाये भारी
February 10, 2025कोरबा। छत्तीसगढ़ में नगरीय निकाय चुनाव के लिए कल यानि मंगलवार को वोटिंग होगी। ऐसे में चुनावी दंगल में ताल ठोक रहे प्रत्याशियों के लिए आज कत्ल की रात है। फिर क्या महापौर और क्या पार्षद हर कोई एक-एक वोट के लिए पूरी ताकत झोंकने में जुटा हुआ है। बात करे कोरबा नगर निगम की तो यहां मुकाबला काफी दिलचस्प हो गया है। दिल्ली में भगवा लहराने के बाद जहां भाजपाई काफी उत्साहित है, वहीं दूसरी तरफ कांग्रेस गुटबाजी से उभरती नजर नही आ रही है।
गौरतलब है कि छत्तीसगढ़ में नगरीय निकाय चुनाव में अब 12 घंटे से भी कम का वक्त बच गया है। ऐसे में निर्वाचन विभाग जहां निष्पक्ष चुनाव को लेकर पूरी तैयारी में जुटा हुआ है। वहीं दूसरी तरफ चुनाव प्रचार थमने के बाद अब प्रत्याशी डोर टू डोर जनसंपर्क कर मतदाताओं के सामने अंतिम अपील करते नजर आ रहे है। बात करे कोरबा नगर निगम की राजनीति की, तो यहां से बीजेपी की महापौर प्रत्याशी संजू देवी राजपूत और कांग्रेस की उषा तिवारी के बीच शुरू में कड़ा मुकाबला लग रहा था।
लेकिन नामांकन दाखिले के बाद से ये लड़ाई एकजुटता बनाम गुटबाजी में बदल गयी। मतलब बीजेपी टिकट वितरण के बाद जहां पार्टी में व्याप्त नाराजगी को समय रहते दूर कर एकजुटता के साथ मैदान में नजर आ रही है। वहीं दूसरी तफर कांग्रेस की प्रत्याशी गुटबाजी की शिकार होती नजर आ रही है। कुछ ऐसा ही हाल कोरबा नगर निगम के पार्षद प्रत्याशियों की भी है। पार्टी ने टिकट देकर चुनाव मैदान में तो उतार दिया, लेकिन बागियों को मैनेज नही कर पाई। ऐसे में वार्ड पार्षद का चुनाव लड़ रहे प्रत्याशी त्रिकोणीय मुकाबले में अपने ही पार्टी के बागी प्रत्याशी से घिरते दिख रहे है।
प्रचार-प्रसार और जनसंपर्क में BJP ने कांग्रेस को पछाड़ा
निर्वाचन विभाग ने निकाय चुनाव की तारीखों का ऐलान जिस तरह से किये, उससे इस बार प्रत्याशियों को चुनाव की तैयारी के लिए ज्यादा वक्त नही मिल सका। बावजूद इसके कोरबा में जहां बीजेपी की कमान मंत्री लखनलाल देवांगन और विकास महतो ने संभाला। वहीं कांग्रेस प्रत्याशी उषा तिवारी की कमान सांसद ज्योत्सना महंत ने संभाल रखी है। लेकिन इतने कम वक्त में बीजेपी ने ने जहां रणनीति के तहत प्रचार-प्रसार के साथ ही बड़े पैमाने पर जनसंपर्क अभियान के साथ ही मुख्यमंत्री की जनसभा का आयोजन किया। वहीं दूसरी तरफ कांग्रेस एक भी बड़े नेता की सभा करा पाने में नाकाम साबित हुई। वहीं जनसंपर्क अभियान में भी कांग्रेस के साथ बड़े नेता ज्यादा नजर नही आये।
दांव पर लगी नेता प्रतिपक्ष डा.चरणदास महंत की साख
मौजूदा निकाय चुनाव में नेता प्रतिपक्ष डाॅ.चरणदास महंत की साख दांव पर लगी हुई है। कोरबा से कांग्रेस की प्रत्याशी उषा तिवारी को महंत खेमे का बताया जाता है। ऐसे में उषा तिवारी की चुनाव की प्रभारी डाॅ.महंत की पत्नी और सांसद ज्योत्सना महंत को बनाया गया है। वहीं कोरबा में कांग्रेस का झंडा मजबूती से गाड़ने वाले पूर्व मंत्री जयसिंह अग्रवाल को कोरबा की जगह चिरमिरी का प्रभारी बना दिया गया। जानकारों की माने तो जयसिंह अग्रवाल की रणनीति और स्पोर्ट के बगैर कोरबा मेंचुनाव जीत पाना लगभग मुश्किल है। ऐसे में कोरबा नगर निगम के चुनाव से पूर्व मंत्री का किनारा करना कांग्रेस पार्टी की प्रत्याशी ने लिए बड़ा नुकसान साबित हो सकता है।
पार्षदों के लिए भी ये चुनाव काफी टफ….!
कोरबा नगर निगम का चुनाव इस बार कांग्रेस के पार्षदों के लिए भी टफ साबित हो रहा है। बताया जा रहा है कि टिकट वितरण में नेता प्रतिपक्ष डाॅ.चरणदास महंत की चली। लिहाजा पूर्व मंत्री के करीबी रहे कई जीतने वाले प्रत्याशियों के टिकट कट गये। जिससे वे नाराज होकर अब निर्दलीय चुनावी मैदान में उतर गये है। वहीं दूसरी तरफ कोरबा नगर निगम चुनाव से पूर्व मंत्री केे दूरी बनाने से कांग्रेस के पार्षद प्रत्याशियों को कई तरह की चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है।