
बर्खास्त महिला शिक्षिका के साथ धरनास्थल पर बड़ा हादसा, आधी रात में कराना पड़ा अस्पताल में भर्ती, शिक्षिकाओं ने बताया अपना दर्द
April 14, 2025
रायपुर । राजधानी रायपुर में बर्खास्त सहायक शिक्षकों का आंदोलन दिन-प्रतिदिन लंबा होता जा रहा है। पिछले चार महीनों से नवा रायपुर के तूता धरना स्थल पर बैठे ये शिक्षक राज्य सरकार से पुनर्नियुक्ति की मांग कर रहे हैं। हालाँकि अब यह आंदोलन केवल शिक्षा से जुड़ी मांगों का नहीं, बल्कि मानवीय संवेदना और सुरक्षा का भी मुद्दा बनता जा रहा है।
बीती रात एक गंभीर घटना सामने आई जब धरना स्थल पर बैठी शिक्षिका प्रिया मंडावी को रात करीब डेढ़ बजे बिच्छू ने डंक मार दिया। घटना उस समय हुई जब वह बैस भवन में विश्राम कर रही थीं। बिच्छू के डंक के बाद उनकी तबीयत बिगड़ने लगी, जिसके बाद उन्हें तुरंत डॉ. भीमराव अंबेडकर अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहाँ उनकी हालत गंभीर बनी हुई है। वह बैस भवन में सो रही थीं, उसी दौरान ये हादसा हो गया।
इस घटना ने न केवल धरना स्थल की सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़े किए हैं, बल्कि शिक्षकों की दशा और उनकी उपेक्षा को भी उजागर किया है। धरने में शामिल शिक्षकों का कहना है कि वे बरसात, सर्दी, गर्मी और अब जानवरों के खतरों के बीच भी अपनी मांगों को लेकर डटे हुए हैं, लेकिन सरकार की ओर से अब तक कोई ठोस पहल नहीं की गई है।
प्रिया मंडावी, जो कि बीएड योग्यताधारी सहायक शिक्षक हैं, उन्हें बर्खास्तगी के बाद से ही बहाल किए जाने की मांग को लेकर धरने में भाग लिया था। शिक्षकों का कहना है कि जब तक सरकार उनकी बात नहीं सुनती, वे धरना स्थल नहीं छोड़ेंगे—चाहे परिस्थितियाँ कितनी भी विकट क्यों न हों।
धरने पर बैठे शिक्षकों ने प्रशासन से यह मांग की है कि धरना स्थल की नियमित साफ-सफाई करवाई जाए, कीटनाशकों का छिड़काव हो और रात के समय पर्याप्त रोशनी व सुरक्षा की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए, ताकि ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो।
बीती रात एक गंभीर घटना सामने आई जब धरना स्थल पर बैठी शिक्षिका प्रिया मंडावी को रात करीब डेढ़ बजे बिच्छू ने डंक मार दिया। घटना उस समय हुई जब वह बैस भवन में विश्राम कर रही थीं। बिच्छू के डंक के बाद उनकी तबीयत बिगड़ने लगी, जिसके बाद उन्हें तुरंत डॉ. भीमराव अंबेडकर अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहाँ उनकी हालत गंभीर बनी हुई है। वह बैस भवन में सो रही थीं, उसी दौरान ये हादसा हो गया।
इस घटना ने न केवल धरना स्थल की सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़े किए हैं, बल्कि शिक्षकों की दशा और उनकी उपेक्षा को भी उजागर किया है। धरने में शामिल शिक्षकों का कहना है कि वे बरसात, सर्दी, गर्मी और अब जानवरों के खतरों के बीच भी अपनी मांगों को लेकर डटे हुए हैं, लेकिन सरकार की ओर से अब तक कोई ठोस पहल नहीं की गई है।
प्रिया मंडावी, जो कि बीएड योग्यताधारी सहायक शिक्षक हैं, उन्हें बर्खास्तगी के बाद से ही बहाल किए जाने की मांग को लेकर धरने में भाग लिया था। शिक्षकों का कहना है कि जब तक सरकार उनकी बात नहीं सुनती, वे धरना स्थल नहीं छोड़ेंगे—चाहे परिस्थितियाँ कितनी भी विकट क्यों न हों।
धरने पर बैठे शिक्षकों ने प्रशासन से यह मांग की है कि धरना स्थल की नियमित साफ-सफाई करवाई जाए, कीटनाशकों का छिड़काव हो और रात के समय पर्याप्त रोशनी व सुरक्षा की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए, ताकि ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो।