
बंगला नंबर B-5: रायपुर का बी-5 बंगला बना सियासी रणभूमि, आवंटित हुआ था SSP कार्यालय को, सांसद ने जमा लिया कब्जा
April 14, 2025
रायपुर । छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर के सिविल लाइन स्थित सरकारी बंगला बी-5 इन दिनों सियासी विवाद का केंद्र बन गया है। भूपेश कार्यकाल में यह बंगला है जो पूर्व में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व मंत्री मोहन मरकाम को आवंटित था, जिसे उन्होंने वर्ष 2024 में खाली किया था। अब इस बंगले को लेकर राज्यसभा सांसद देवेंद्र प्रताप सिंह और गृह विभाग आमने-सामने आ गए हैं।
दरअसल, गृह विभाग ने 30 जनवरी 2025 को इस बंगले को रायपुर SSP कार्यालय के लिए आवंटित कर दिया था। इसके बाद PWD विभाग द्वारा बंगले की रंगाई-पुताई भी करवाई गई। मगर इसी बीच रायगढ़ से राज्यसभा सांसद देवेंद्र प्रताप सिंह ने इस बंगले पर दावा करते हुए उसमें ताला जड़ दिया और वहां छह जगहों पर अपने नाम के नेमप्लेट लगवा दिए। इतना ही नहीं, बंगले का नाम ‘बस्तर बाड़ा’ से बदलकर ‘रायगढ़ बाड़ा’ कर दिया गया।
सांसद देवेंद्र प्रताप सिंह का दावा है कि उन्हें यह बंगला मुख्यमंत्री कार्यालय की अनुशंसा पर आवंटित किया गया है। उन्होंने सवाल उठाया कि “आवासीय बंगला किसी कार्यालय के उपयोग के लिए कैसे दिया जा सकता है?” उनके अनुसार, बंगले का उपयोग व्यक्तिगत निवास के रूप में किया जाना चाहिए, न कि प्रशासनिक दफ्तर के तौर पर।
दरअसल, गृह विभाग ने 30 जनवरी 2025 को इस बंगले को रायपुर SSP कार्यालय के लिए आवंटित कर दिया था। इसके बाद PWD विभाग द्वारा बंगले की रंगाई-पुताई भी करवाई गई। मगर इसी बीच रायगढ़ से राज्यसभा सांसद देवेंद्र प्रताप सिंह ने इस बंगले पर दावा करते हुए उसमें ताला जड़ दिया और वहां छह जगहों पर अपने नाम के नेमप्लेट लगवा दिए। इतना ही नहीं, बंगले का नाम ‘बस्तर बाड़ा’ से बदलकर ‘रायगढ़ बाड़ा’ कर दिया गया।
सांसद देवेंद्र प्रताप सिंह का दावा है कि उन्हें यह बंगला मुख्यमंत्री कार्यालय की अनुशंसा पर आवंटित किया गया है। उन्होंने सवाल उठाया कि “आवासीय बंगला किसी कार्यालय के उपयोग के लिए कैसे दिया जा सकता है?” उनके अनुसार, बंगले का उपयोग व्यक्तिगत निवास के रूप में किया जाना चाहिए, न कि प्रशासनिक दफ्तर के तौर पर।