
नौकरी पर तलवार: 723 ट्रेनिंग अफसरों की नौकरी पर लटकी तलवार, 12 साल बाद आरोप पत्र जारी कर बर्खास्तगी तैयारी
April 14, 2025
रायपुर । छत्तीसगढ़ में 723 आईटीआई प्रशिक्षण अधिकारियों की नौकरी पर तलवार लटक रही है। इन अधिकारियों को भर्ती के 12 वर्षों के बाद आरोप पत्र जारी कर सेवा समाप्ति की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। परेशान कर्मियों ने मुख्यमंत्री, विधानसभा अध्यक्ष सहित अन्य अधिकारियों से नौकरी बचाने की गुहार लगायी है।
दरअसल इन प्रशिक्षण अधिकारियों की नियुक्ति वर्ष 2012 में हुई थी। 6 अक्टूबर 2021 को शासन ने आरक्षण नियमों के पालन में त्रुटि का हवाला देते हुए सेवा समाप्ति का नोटिस जारी किया था। इस फैसले के विरुद्ध प्रशिक्षण अधिकारियों ने उच्च न्यायालय बिलासपुर में याचिका दायर की, जहां न्यायालय ने नोटिस को खारिज कर दिया। बाद में मामला उच्चतम न्यायालय दिल्ली पहुंचा, जहाँ भी प्रशिक्षण अधिकारियों के पक्ष में फैसला सुनाया गया।
आरोप है कि इसके बावजूद अब फिर से उन्हीं पुराने तथ्यों के आधार पर शासन द्वारा आरोप पत्र जारी किया गया, जिससे अधिकारियों में रोष फैल गया है। अधिकारियों का कहना है कि यह न केवल माननीय उच्च न्यायालय बिलासपुर के आदेशों की अवहेलना है बल्कि उच्चतम न्यायालय के निर्णय का भी उल्लंघन है।
इस पूरे घटनाक्रम के विरोध में आईटीआई कर्मचारी अधिकारी संघ ने विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह को ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन सौंपने के दौरान संघ के प्रांताध्यक्ष श्री विनोद कुमार साहू, गोविंद देवांगन, गुमान साहू, संदीप पाठक, गजेंद्र साहू, चुन्नीलाल साहू, पवन बारले, पूजा मरकाम, जागृति दीवान, पूजा बाजपेयी, योगेश्वरी वर्मा सहित संघ के पदाधिकारी और बड़ी संख्या में सदस्य उपस्थित थे।
संघ के प्रांताध्यक्ष श्री विनोद कुमार साहू ने मीडिया से बातचीत में कहा कि, “यह कार्य न्यायिक निर्णयों के स्पष्ट उल्लंघन का मामला है। यदि सरकार ने अपनी कार्रवाई वापस नहीं ली तो आगामी दिनों में आईटीआई कर्मचारी अधिकारी संघ, शासकीय तृतीय कर्मचारी संघ और अन्य संगठनों के साथ मिलकर वृहद स्तर पर धरना-प्रदर्शन किया जाएगा।”
उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि प्रेस वार्ता के माध्यम से आंदोलन की रणनीति की घोषणा जल्द ही की जाएगी। वर्तमान में सभी प्रशिक्षण अधिकारी मानसिक रूप से परेशान हैं और अपने भविष्य को लेकर अनिश्चितता की स्थिति में हैं।
दरअसल इन प्रशिक्षण अधिकारियों की नियुक्ति वर्ष 2012 में हुई थी। 6 अक्टूबर 2021 को शासन ने आरक्षण नियमों के पालन में त्रुटि का हवाला देते हुए सेवा समाप्ति का नोटिस जारी किया था। इस फैसले के विरुद्ध प्रशिक्षण अधिकारियों ने उच्च न्यायालय बिलासपुर में याचिका दायर की, जहां न्यायालय ने नोटिस को खारिज कर दिया। बाद में मामला उच्चतम न्यायालय दिल्ली पहुंचा, जहाँ भी प्रशिक्षण अधिकारियों के पक्ष में फैसला सुनाया गया।
आरोप है कि इसके बावजूद अब फिर से उन्हीं पुराने तथ्यों के आधार पर शासन द्वारा आरोप पत्र जारी किया गया, जिससे अधिकारियों में रोष फैल गया है। अधिकारियों का कहना है कि यह न केवल माननीय उच्च न्यायालय बिलासपुर के आदेशों की अवहेलना है बल्कि उच्चतम न्यायालय के निर्णय का भी उल्लंघन है।
इस पूरे घटनाक्रम के विरोध में आईटीआई कर्मचारी अधिकारी संघ ने विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह को ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन सौंपने के दौरान संघ के प्रांताध्यक्ष श्री विनोद कुमार साहू, गोविंद देवांगन, गुमान साहू, संदीप पाठक, गजेंद्र साहू, चुन्नीलाल साहू, पवन बारले, पूजा मरकाम, जागृति दीवान, पूजा बाजपेयी, योगेश्वरी वर्मा सहित संघ के पदाधिकारी और बड़ी संख्या में सदस्य उपस्थित थे।
संघ के प्रांताध्यक्ष श्री विनोद कुमार साहू ने मीडिया से बातचीत में कहा कि, “यह कार्य न्यायिक निर्णयों के स्पष्ट उल्लंघन का मामला है। यदि सरकार ने अपनी कार्रवाई वापस नहीं ली तो आगामी दिनों में आईटीआई कर्मचारी अधिकारी संघ, शासकीय तृतीय कर्मचारी संघ और अन्य संगठनों के साथ मिलकर वृहद स्तर पर धरना-प्रदर्शन किया जाएगा।”
उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि प्रेस वार्ता के माध्यम से आंदोलन की रणनीति की घोषणा जल्द ही की जाएगी। वर्तमान में सभी प्रशिक्षण अधिकारी मानसिक रूप से परेशान हैं और अपने भविष्य को लेकर अनिश्चितता की स्थिति में हैं।