
राज्य स्तरीय पुस्तक ‘आपदा प्रबंधन एवं बचाव’ का हुआ भव्य विमोचन
April 14, 2025
रायपुर -छत्तीसगढ़ राज्य में शिक्षा और आपदा जागरूकता के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण पहल के रूप में ‘आपदा प्रबंधन एवं बचाव’ नामक राज्य स्तरीय पुस्तक का विमोचन दिनांक 13 अप्रैल 2025 को न्यू सर्किट हाउस, सिविल लाइन रायपुर में माननीय आपदा प्रबंधन मंत्री माननीय श्री टंकराम वर्मा जी के करकमलों द्वारा संपन्न हुआ।
इस पुस्तक की संपादनकर्ता, राष्ट्रपति पुरस्कार प्राप्त शिक्षिका सुश्री के. शारदा हैं, जिन्होंने राज्य के विभिन्न 33 जिलों के समर्पित शिक्षकों की एक टीम बनाकर इस बहुपयोगी पुस्तक का निर्माण किया। पुस्तक में प्राकृतिक एवं मानवजनित आपदाओं से संबंधित जानकारी, सुरक्षा उपाय, और आपातकालीन परिस्थितियों में किये जाने वाले व्यवहारिक कदमों को सरल भाषा में समझाया गया है। इस पुस्तक की विशेषता यह है कि इसमें QR कोड्स जोड़े गए हैं, जिन्हें स्कैन करने पर छात्र वीडियो सामग्री देख सकते हैं, वीडियो न केवल पाठ्यवस्तु को सरल और रोचक ढंग से प्रस्तुत करते हैं, बल्कि उनमें एनिमेशन, रीयल-लाइफ उदाहरण और मॉकड्रिल भी शामिल हैं, जो बच्चों की समझ को और गहरा बनाते हैं। इसके अतिरिक्त, यह पुस्तक दृष्टिबाधित बच्चों के लिए ऑडियो फॉर्मेट में भी उपलब्ध कराई गई है, ताकि वे भी समान रूप से विषयवस्तु को समझ सकें। यह संसाधन सामान्य विद्यार्थियों के साथ-साथ दिव्यांग (विशेष रूप से दृष्टिबाधित) विद्यार्थियों के लिए भी अत्यंत उपयोगी सिद्ध होगी। इस ऐतिहासिक अवसर पर सभी सहभागी शिक्षकों का सम्मान भी किया गया, जो प्रदेश के शैक्षिक एवं आपदा प्रबंधन क्षेत्र में एक नई दिशा की ओर संकेत करता है। पुस्तक के सह संपादक श्री धर्मानंद गोजे है और बुक प्रभारी श्रीमती प्रीति शांडिल्य जी है जिनके सहयोग से यह पुस्तक समय पर संपन्न हुई। इस पुस्तक के लेखन मे मुख्य रूप से के शारदा, धर्मानंद गोजे, प्रीति शांडिल्य, कृष्णपाल राणा, संतोष कुमार पटेल, पुष्पेंद्र कुमार कश्यप, संतोष कुमार तारक, ज्योति बनाफर, श्वेता तिवारी, शांति लाल कश्यप, मधु तिवारी, रिंकल बग्गा, योगेश कुमार साहू, लक्ष्मण बाँधेकर, यशवंत कुमार पटेल, विनोद कुमार डडसेना, ममता सिंह, समीक्षा गायकवाड़, चंचला चंद्रा, महेंद्र कुमार चंद्रा, ब्रजेश्वरी रावटे, गुलजार बरेठ, रश्मि वर्मा, पूनम उर्मलिया, अनामिका चक्रवर्ती, शिवकुमार बंजारे, अमरदीप भोगल, डोलामणी साहू, समता सोनी, नंदा देशमुख, वसुंधरा गोजे, शुभम तिवारी, रामलाल केवट, सुप्रिया शर्मा, डॉ गोपा शर्मा ने अपना योगदान दिया। पुस्तक के लेखक के रूप में कार्य करने एवं मंत्री जी के हाथों सम्मानित होने पर मित्र जन, परिवार एवं शिक्षक साथियों ने शिक्षक शांति लाल कश्यप को बधाई एवं शुभकामनाएं दी।
इस पुस्तक की संपादनकर्ता, राष्ट्रपति पुरस्कार प्राप्त शिक्षिका सुश्री के. शारदा हैं, जिन्होंने राज्य के विभिन्न 33 जिलों के समर्पित शिक्षकों की एक टीम बनाकर इस बहुपयोगी पुस्तक का निर्माण किया। पुस्तक में प्राकृतिक एवं मानवजनित आपदाओं से संबंधित जानकारी, सुरक्षा उपाय, और आपातकालीन परिस्थितियों में किये जाने वाले व्यवहारिक कदमों को सरल भाषा में समझाया गया है। इस पुस्तक की विशेषता यह है कि इसमें QR कोड्स जोड़े गए हैं, जिन्हें स्कैन करने पर छात्र वीडियो सामग्री देख सकते हैं, वीडियो न केवल पाठ्यवस्तु को सरल और रोचक ढंग से प्रस्तुत करते हैं, बल्कि उनमें एनिमेशन, रीयल-लाइफ उदाहरण और मॉकड्रिल भी शामिल हैं, जो बच्चों की समझ को और गहरा बनाते हैं। इसके अतिरिक्त, यह पुस्तक दृष्टिबाधित बच्चों के लिए ऑडियो फॉर्मेट में भी उपलब्ध कराई गई है, ताकि वे भी समान रूप से विषयवस्तु को समझ सकें। यह संसाधन सामान्य विद्यार्थियों के साथ-साथ दिव्यांग (विशेष रूप से दृष्टिबाधित) विद्यार्थियों के लिए भी अत्यंत उपयोगी सिद्ध होगी। इस ऐतिहासिक अवसर पर सभी सहभागी शिक्षकों का सम्मान भी किया गया, जो प्रदेश के शैक्षिक एवं आपदा प्रबंधन क्षेत्र में एक नई दिशा की ओर संकेत करता है। पुस्तक के सह संपादक श्री धर्मानंद गोजे है और बुक प्रभारी श्रीमती प्रीति शांडिल्य जी है जिनके सहयोग से यह पुस्तक समय पर संपन्न हुई। इस पुस्तक के लेखन मे मुख्य रूप से के शारदा, धर्मानंद गोजे, प्रीति शांडिल्य, कृष्णपाल राणा, संतोष कुमार पटेल, पुष्पेंद्र कुमार कश्यप, संतोष कुमार तारक, ज्योति बनाफर, श्वेता तिवारी, शांति लाल कश्यप, मधु तिवारी, रिंकल बग्गा, योगेश कुमार साहू, लक्ष्मण बाँधेकर, यशवंत कुमार पटेल, विनोद कुमार डडसेना, ममता सिंह, समीक्षा गायकवाड़, चंचला चंद्रा, महेंद्र कुमार चंद्रा, ब्रजेश्वरी रावटे, गुलजार बरेठ, रश्मि वर्मा, पूनम उर्मलिया, अनामिका चक्रवर्ती, शिवकुमार बंजारे, अमरदीप भोगल, डोलामणी साहू, समता सोनी, नंदा देशमुख, वसुंधरा गोजे, शुभम तिवारी, रामलाल केवट, सुप्रिया शर्मा, डॉ गोपा शर्मा ने अपना योगदान दिया। पुस्तक के लेखक के रूप में कार्य करने एवं मंत्री जी के हाथों सम्मानित होने पर मित्र जन, परिवार एवं शिक्षक साथियों ने शिक्षक शांति लाल कश्यप को बधाई एवं शुभकामनाएं दी।