
24 अफसरों के खिलाफ कार्रवाई, SDM, CEO, DEO, CMO सहित कई अफसरों पर गाज, मनमानी पड़ गयी भारी
April 13, 2025
लापरवाही मामले में बड़ी कार्रवाई हुई है। एसडीएम, सीईओ, डीईओ सहित कई अधिकारियों के खिलाफ नोटिस जारी किया गया है। अफसरों पर हुई कार्रवाई से हड़कंप मच गया है। दरअसल अधिकारियों ने मनमानी दिखाते हुए सुशासन तिहार की महत्ता की अनदेशी की थी। जिसके बाद सभी को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया गया है। मामला गरियाबंद जिले का है।
दरअसल इन अफसरों ने ‘सुशासन तिहार’ कार्यक्रम के दौरान लापरवाही बरती थी। जिसके बाद गरियाबंद कलेक्टर दीपक कुमार अग्रवाल ने कड़ी कार्रवाई की है। कलेक्टर द्वारा आयोजित समीक्षा बैठक में कई अधिकारी बिना किसी पूर्व सूचना के अनुपस्थित पाए गए। इस गैरहाजिरी को प्रशासन ने गंभीरता से लिया और 24 अधिकारियों को नोटिस जारी करने के निर्देश दिए गए। सबसे अहम बात यह है कि अनुपस्थित अधिकारियों में तीन अनुभागीय दंडाधिकारी (SDM) भी शामिल हैं।
इन अफसरों के खिलाफ हुई कार्रवाई
जिन अधिकारियों पर कार्रवाई की गई है उनमें राजिम के SDM विशाल महाराणा, मैनपुर के SDM पंकज डाहिरे और देवभोग के SDM तुलसीदास मरकाम शामिल हैं। कलेक्टर ने स्पष्ट किया कि इन अधिकारियों ने बैठक को अवकाश समझकर नजरअंदाज किया, जबकि यह एक अत्यंत महत्वपूर्ण समीक्षा बैठक थी।इसके अलावा, जनपद पंचायत मैनपुर की CEO श्वेता शर्मा, देवभोग की CEO रवि सोनवानी, और नगरपालिका राजिम के CMO मनीष कुमार गायकवाड़, कोपरा के CMO श्यामलाल वर्मा, छुरा के CMO लालसिंग मरकाम, देवभोग के CMO संतोष स्वर्णकार को भी नोटिस जारी करने के निर्देश दिए गए हैं।
डीईओ सहित इन अधिकारियों पर भी गाज
सिर्फ प्रशासनिक अधिकारी ही नहीं, बल्कि विभिन्न विभागों के वरिष्ठ अधिकारी भी कलेक्टर की सख्ती की जद में आए हैं। इनमें महिला एवं बाल विकास विभाग के जिला कार्यक्रम अधिकारी अशोक पांडेय, जिला शिक्षा अधिकारी ए.के. सारस्वत, कृषि विभाग के उप संचालक चंदन रॉय, जल संसाधन विभाग के कार्यपालन अभियंता एस.के. बर्मन, विद्युत विभाग और उद्यानिकी विभाग के प्रभारी अधिकारी, राजीव गांधी शिक्षा मिशन के डीएमसी के.एस. नायक, जिला रोजगार अधिकारी, खनिज अधिकारी रोहित साहू, खादी ग्रामोद्योग, रेशम विभाग, क्रेडा, और बैंकिंग सेक्टर के जिला स्तरीय अधिकारी भी शामिल हैं।
कलेक्टर दीपक कुमार अग्रवाल ने दो टूक कहा कि आवेदनों की एंट्री और उनके निराकरण में किसी भी प्रकार की शिथिलता को गंभीरता से लिया जाएगा। उन्होंने यह भी कहा कि ‘सुशासन तिहार’ जैसे जनहितकारी कार्यक्रमों में अधिकारियों की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण है और उनकी गैरहाजिरी सीधे-सीधे शासन की कार्यप्रणाली को प्रभावित करती है।जिला प्रशासन का यह कदम अन्य अधिकारियों के लिए चेतावनी और अनुशासन का संदेश बन गया है। माना जा रहा है कि इस सख्ती से सरकारी कामकाज में पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित करने की दिशा में प्रशासन को मजबूती मिलेगी।
दरअसल इन अफसरों ने ‘सुशासन तिहार’ कार्यक्रम के दौरान लापरवाही बरती थी। जिसके बाद गरियाबंद कलेक्टर दीपक कुमार अग्रवाल ने कड़ी कार्रवाई की है। कलेक्टर द्वारा आयोजित समीक्षा बैठक में कई अधिकारी बिना किसी पूर्व सूचना के अनुपस्थित पाए गए। इस गैरहाजिरी को प्रशासन ने गंभीरता से लिया और 24 अधिकारियों को नोटिस जारी करने के निर्देश दिए गए। सबसे अहम बात यह है कि अनुपस्थित अधिकारियों में तीन अनुभागीय दंडाधिकारी (SDM) भी शामिल हैं।
इन अफसरों के खिलाफ हुई कार्रवाई
जिन अधिकारियों पर कार्रवाई की गई है उनमें राजिम के SDM विशाल महाराणा, मैनपुर के SDM पंकज डाहिरे और देवभोग के SDM तुलसीदास मरकाम शामिल हैं। कलेक्टर ने स्पष्ट किया कि इन अधिकारियों ने बैठक को अवकाश समझकर नजरअंदाज किया, जबकि यह एक अत्यंत महत्वपूर्ण समीक्षा बैठक थी।इसके अलावा, जनपद पंचायत मैनपुर की CEO श्वेता शर्मा, देवभोग की CEO रवि सोनवानी, और नगरपालिका राजिम के CMO मनीष कुमार गायकवाड़, कोपरा के CMO श्यामलाल वर्मा, छुरा के CMO लालसिंग मरकाम, देवभोग के CMO संतोष स्वर्णकार को भी नोटिस जारी करने के निर्देश दिए गए हैं।
डीईओ सहित इन अधिकारियों पर भी गाज
सिर्फ प्रशासनिक अधिकारी ही नहीं, बल्कि विभिन्न विभागों के वरिष्ठ अधिकारी भी कलेक्टर की सख्ती की जद में आए हैं। इनमें महिला एवं बाल विकास विभाग के जिला कार्यक्रम अधिकारी अशोक पांडेय, जिला शिक्षा अधिकारी ए.के. सारस्वत, कृषि विभाग के उप संचालक चंदन रॉय, जल संसाधन विभाग के कार्यपालन अभियंता एस.के. बर्मन, विद्युत विभाग और उद्यानिकी विभाग के प्रभारी अधिकारी, राजीव गांधी शिक्षा मिशन के डीएमसी के.एस. नायक, जिला रोजगार अधिकारी, खनिज अधिकारी रोहित साहू, खादी ग्रामोद्योग, रेशम विभाग, क्रेडा, और बैंकिंग सेक्टर के जिला स्तरीय अधिकारी भी शामिल हैं।
कलेक्टर दीपक कुमार अग्रवाल ने दो टूक कहा कि आवेदनों की एंट्री और उनके निराकरण में किसी भी प्रकार की शिथिलता को गंभीरता से लिया जाएगा। उन्होंने यह भी कहा कि ‘सुशासन तिहार’ जैसे जनहितकारी कार्यक्रमों में अधिकारियों की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण है और उनकी गैरहाजिरी सीधे-सीधे शासन की कार्यप्रणाली को प्रभावित करती है।जिला प्रशासन का यह कदम अन्य अधिकारियों के लिए चेतावनी और अनुशासन का संदेश बन गया है। माना जा रहा है कि इस सख्ती से सरकारी कामकाज में पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित करने की दिशा में प्रशासन को मजबूती मिलेगी।