
गुल्लक — शीर्षक
February 28, 2025
रायपुर।।
गुल्लक — शीर्षक
ये गुल्लक जो थी ,
बचपन की साथी ।
कितना कुछ ,
हमको सिखलाती ।
सारे सिक्के ,
हो जाते एक समान ।
ज्यों ही इसके ,
अंदर जाते ।
छोटा बड़ा ,
कोई ना होता ।
हां यही गुल्लक ,
सबक सिखाती ।
काम आयें वक्त पर,
यही बस गुल्लक ,
पाठ पढ़ाती ।
टूटते ही,
बिखरना तय है ।
यह शिक्षा भी ,
दे ही जाती ।
जुड़कर ही हमें ,
रहना होगा ।
एकता का ये,
पाठ पढ़ाती ।
गुल्लक अपने ,
बचपन की साथी ।
सुषमा बग्गा
रायपुर छत्तीसगढ़
गुल्लक — शीर्षक
ये गुल्लक जो थी ,
बचपन की साथी ।
कितना कुछ ,
हमको सिखलाती ।
सारे सिक्के ,
हो जाते एक समान ।
ज्यों ही इसके ,
अंदर जाते ।
छोटा बड़ा ,
कोई ना होता ।
हां यही गुल्लक ,
सबक सिखाती ।
काम आयें वक्त पर,
यही बस गुल्लक ,
पाठ पढ़ाती ।
टूटते ही,
बिखरना तय है ।
यह शिक्षा भी ,
दे ही जाती ।
जुड़कर ही हमें ,
रहना होगा ।
एकता का ये,
पाठ पढ़ाती ।
गुल्लक अपने ,
बचपन की साथी ।
सुषमा बग्गा
रायपुर छत्तीसगढ़