सरगुजा के जंगलों से बाजार तक पहुंचा जामुन, सेहत के लिए वरदान

सरगुजा के जंगलों से बाजार तक पहुंचा जामुन, सेहत के लिए वरदान

June 7, 2025 0 By Ajeet Yadav

अंबिकापुर। सरगुजा अंचल के घने जंगलों में प्रकृति का अनमोल उपहार जामुन पककर तैयार हो गया है। काले-काले रसीले जामुनों से बाजार की रौनक बढ़ गई है। ग्रामीण अब टोकरी भर जामुन लेकर अंबिकापुर के बाजारों में पहुंच रहे हैं। हालांकि इस समय आवक कम है, इसलिए कीमत 100 से 150 रुपये प्रति किलो तक चल रही है। इसके बावजूद खरीदारों की भीड़ कम नहीं हो रही, क्योंकि लोग जानते हैं कि यह मौसमी फल सिर्फ स्वाद ही नहीं, सेहत का भी खजाना है।

सेहत का संजीवनी फल
जामुन को यूं ही ‘जुबली फ्रूट’ नहीं कहा जाता। यह बैंगनी रंग का खट्टा-मीठा फल अपने औषधीय गुणों के कारण बेहद लोकप्रिय है। आयुर्वेदाचार्यों के अनुसार, जामुन में आयरन, कैल्शियम, विटामिन, प्रोटीन, फाइबर और कार्बोहाइड्रेट जैसे पोषक तत्व प्रचुर मात्रा में पाए जाते हैं, जो शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने में सहायक होते हैं।

विशेषज्ञों के मुताबिक, जामुन का लगभग 70 प्रतिशत भाग खाने योग्य होता है, जिसमें ग्लूकोज और फ्रक्टोज दो प्रमुख ऊर्जा स्रोत होते हैं। इसकी सबसे खास बात यह है कि यह डायबिटीज रोगियों के लिए अत्यंत लाभकारी होता है, क्योंकि यह रक्त शर्करा के स्तर को नियंत्रित करने में मदद करता है।

पाचन से लेकर हृदय तक रखे सेहतमंद
जामुन न केवल पाचन तंत्र को दुरुस्त रखता है, बल्कि यह स्किन और बालों की सेहत में भी सुधार करता है। इसके नियमित सेवन से हृदय रोगों से भी बचाव होता है। गर्मियों में यह शरीर को ठंडक और ऊर्जा दोनों देता है। इसके अलावा, यह फल कम कैलोरी प्रदान करता है। एक मध्यम आकार का जामुन केवल 3-4 कैलोरी का होता है, इसलिए वजन नियंत्रित रखने वालों के लिए भी यह एक आदर्श विकल्प है।

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