पूर्व ईई विजय जामनिक पर दर्ज FIR, जांच में करोड़ों की गड़बड़ी उजागर, फर्जीवाड़ा कर ठेकेदार को

पूर्व ईई विजय जामनिक पर दर्ज FIR, जांच में करोड़ों की गड़बड़ी उजागर, फर्जीवाड़ा कर ठेकेदार को

June 3, 2025 0 By Ajeet Yadav
जशपुर। जल संसाधन विभाग में एक और बड़ी वित्तीय अनियमितता सामने आई है। मांड नदी सुसडेगा व्यपवर्तन योजना में करोड़ों की आर्थिक गड़बड़ी के मामले में पूर्व कार्यपालन अभियंता विजय जामनिक के खिलाफ धारा 409 और 420 के तहत गंभीर आपराधिक मामला दर्ज किया गया है।

यह एफआईआर जशपुर सिटी कोतवाली में दर्ज की गई है, जिसमें सरकारी धन का दुरुपयोग और विश्वासघात जैसी धाराएं लगाई गई हैं। आरोप है कि जामनिक ने ठेकेदार को बिना कार्य पूर्ण कराए ही 2 करोड़ 93 लाख रुपये की टीडीआर राशि नियम विरुद्ध लौटाई, जिससे शासकीय खजाने को भारी नुकसान हुआ।

मांड नदी योजना में अनियमितता
यह पूरा मामला मांड नदी के सुसडेगा व्यपवर्तन योजना से जुड़ा है, जिसका उद्देश्य क्षेत्रीय जल संकट को दूर करना था। परंतु योजना पूर्ण होने से पूर्व ही ठेकेदार को भारी रकम का भुगतान कर दिया गया। संबंधित दस्तावेजों की जांच में यह बात उजागर हुई कि कार्य की प्रगति और गुणवत्ता की अनदेखी कर नियमों को ताक पर रखकर भुगतान प्रक्रिया में हेराफेरी की गई।

वर्तमान ईई ने कराई रिपोर्ट
इस घोटाले का पर्दाफाश वर्तमान कार्यपालन अभियंता विनोद भगत द्वारा की गई जांच के बाद हुआ। उन्होंने सबूतों के आधार पर आरोपी विजय जामनिक के खिलाफ पुलिस में शिकायत दर्ज कराई।

एफआईआर दर्ज होते ही पूरे विभाग में हड़कंप मच गया है। पुलिस ने मामले की गंभीरता को देखते हुए वित्तीय दस्तावेजों और भुगतान प्रक्रिया की गहराई से जांच शुरू कर दी है। संभावना जताई जा रही है कि मामले में और भी अधिकारियों या ठेकेदारों की भूमिका उजागर हो सकती है।

क्या कहते हैं नियम?
सरकारी कार्यों में TDR (ट्रांजेक्शन डिमांड रजिस्टर) का भुगतान तभी किया जाता है जब कार्य पूर्ण रूप से किया गया हो और उसकी गुणवत्ता का सत्यापन हो। लेकिन इस मामले में बिना कार्य पूर्ण हुए और बिना तकनीकी स्वीकृति के करोड़ों की राशि जारी की गई, जो स्पष्ट रूप से वित्तीय भ्रष्टाचार की श्रेणी में आता है।