सुशासन तिहार: मुख्यमंत्री ने मुलेर गांव में इमली पेड़ के नीचे लगाई चौपाल, ग्रामीणों से किया संवाद, योजनाओं का किया निरीक्षण

सुशासन तिहार: मुख्यमंत्री ने मुलेर गांव में इमली पेड़ के नीचे लगाई चौपाल, ग्रामीणों से किया संवाद, योजनाओं का किया निरीक्षण

May 15, 2025 0 By Ajeet Yadav


दंतेवाड़ा/मुलेर । छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने सुशासन तिहार के अंतर्गत आज बस्तर अंचल के दूरस्थ ग्राम मुलेर में अनोखे अंदाज में चौपाल लगाकर ग्रामीणों से सीधा संवाद किया। विशेष बात यह रही कि यह चौपाल गाँव के इमली के पेड़ के नीचे आयोजित की गई, जहाँ ग्रामीणों ने मुख्यमंत्री का महुआ, आमपत्ती से बने पारंपरिक हार और गौर मुकुट पहनाकर भव्य स्वागत किया।

मुख्यमंत्री के साथ मुख्य सचिव अमिताभ जैन, पुलिस महानिदेशक अरुण देव गौतम और मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव सुबोध कुमार सिंह भी मौजूद रहे। ग्रामीणों ने इन अतिथियों का स्वागत छिंद पत्तों से बने पारंपरिक गुलदस्तों से किया, जिससे समूचा माहौल स्थानीय संस्कृति और आत्मीयता से सराबोर हो गया।

गांव पहुंचे हेलीकॉप्टर से, योजनाओं का किया औचक निरीक्षण
मुख्यमंत्री श्री साय का हेलीकॉप्टर सीधे मुलेर गांव में उतरा। उन्होंने ग्रामीणों से सीधे संवाद करते हुए योजनाओं के क्रियान्वयन का फीडबैक लिया और यह सुनिश्चित किया कि सरकार की योजनाओं का लाभ सही पात्रजनों तक पहुँच रहा है या नहीं। उन्होंने ग्रामीणों से उनकी समस्याएं भी सुनीं और संबंधित अधिकारियों को मौके पर ही समाधान के निर्देश दिए।

आंगनबाड़ी केंद्र और राशन वितरण प्रणाली का निरीक्षण
मुख्यमंत्री ने ग्राम मुलेर के आंगनबाड़ी केंद्र का अवलोकन किया, बच्चों से मुलाकात की, उनका हालचाल जाना और उन्हें चॉकलेट भी वितरित की। इसके साथ ही उन्होंने सार्वजनिक वितरण प्रणाली (PDS) का भी निरीक्षण किया और स्थानीय लोगों से राशन वितरण में पारदर्शिता व नियमितता की जानकारी प्राप्त की।

सुशासन तिहार के अंतर्गत सीधे संवाद की पहल
श्री साय ने बताया कि “सुशासन तिहार” केवल एक औपचारिक आयोजन नहीं, बल्कि जनता से सीधा संवाद और मैदानी हकीकत जानने की एक पहल है। उन्होंने कहा कि शासन की योजनाएं जब तक जमीनी स्तर पर प्रभावी रूप से लागू नहीं होतीं, तब तक उनका वास्तविक उद्देश्य पूरा नहीं होता।

इस दौरान मुख्यमंत्री के साथ उपस्थित अधिकारियों ने भी विभिन्न योजनाओं की प्रगति का जायजा लिया और ग्रामीणों की मांगों व सुझावों पर गंभीरता से विचार करने का आश्वासन दिया।