ग्रीष्म ऋतु में लू तापघात से बचाव के लिए जिले में जमीनी स्तर पर आवश्यक तैयारी करने के निर्देश जारी कलेक्टर ने लू के लक्षण एवं बचाव के संबंध में लोगों को अवगत कराने के लिए कहा लू संबंधी प्रारंभिक सलाह हेतु 104 आरोग्य सेवा केन्द्र से लिया जा सकता है निःशुल्क परामर्श

ग्रीष्म ऋतु में लू तापघात से बचाव के लिए जिले में जमीनी स्तर पर आवश्यक तैयारी करने के निर्देश जारी कलेक्टर ने लू के लक्षण एवं बचाव के संबंध में लोगों को अवगत कराने के लिए कहा लू संबंधी प्रारंभिक सलाह हेतु 104 आरोग्य सेवा केन्द्र से लिया जा सकता है निःशुल्क परामर्श

April 26, 2025 0 By Ajeet Yadav
चंद्रभान यादव संवाददाता
जशपुर। ग्रीष्म ऋतु वर्ष 2025 के मौसम को ध्यान में रखते हुए भारत सरकार गृह मंत्रालय, राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण नई दिल्ली द्वारा राज्य में लू-तापघात से आवश्यक तैयारी एवं बचाव के लिए दिशा-निर्देश जारी किये गये है।
कलेक्टर श्री रोहित व्यास ने जारी दिशा-निर्देशों अुनसार जिले के तहसील एवं ग्राम-पंचायत स्तर पर शिक्षकों, स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं, पंचायत सचिवों एवं कोटवारों के माध्यम से जन-समुदाय में जमीनी स्तर पर लू तापघात से बचाव के लिए आवश्यक तैयारी करने हेतु सभी विभाग प्रमुखों को निर्देशित किए हैं। साथ ही उन्होंने लोगों को लू के लक्षण एवं बचाव के संबंध में दी जानकारी देते हुए बचाव हेतु किए गए कार्यवाही से अवगत कराने के लिए भी कहा है। उन्होंने लू बचाव व उपाय के संबंध में जन जागरूकता कार्यक्रमों का आयोजन करने, सार्वजनिक स्थलों की पहचान कर, गैर सरकारी संगठन एवं अन्य स्वयं समूहों के माध्यम से प्याऊ घर की व्यवस्था कराने हेतु आवश्यक पहल करने के लिए भी कहा है।
लू के लक्षण
सिर में भारीपन और दर्द होना, तेज बुखार के साथ मुंह का सूखना, चक्कर और उल्टी आना, कमजोरी के साथ शरीर में दर्द होना, शरीर का तापमान अधिक हो जाने के बाद भी पसीने का न आना, अधिक प्यास और पेशाब कम आना, भूख कम लगना, बेहोश होना इत्यादि लू के प्रमुख लक्षण हैं।
लू से बचाव के उपाय
लू लगने का प्रमुख कारण तेज धूप और गर्मी में ज्यादा देर तक रहने के कारण शरीर में पानी और खनिज मुख्यतः नमक की कमी हो जाना होता है। इससे बचाव के लिए कुछ प्रमुख बातों का ध्यान रखना चाहिए। लू से बचाव के लिए कोशिश करना चाहिए की यदि बहुत आवश्यक न हो तो घर से बाहर न निकले, धूप में निकलने से पहले सर व कानों को कपड़े से अच्छी तरह से बांध लें, पानी अधिक मात्रा में समय-समय पर पीते रहना चाहिए, अधिक समय तक धूप में रहने से बचना चाहिए, गर्मी के दौरान नरम मुलायम सूती कपड़े पहनने चाहिए ताकि हवा और कपड़े पसीने को सोखते रहे। अधिक पसीना आने की स्थिति में ओ.आर.एस. घोल पीना चाहिए। चक्कर आने, उल्टी आने पर छायादार स्थान पर विश्राम करना चाहिए तथा शीतल पेय जल अथवा उपलब्ध हो तो फल का रस, लस्सी, मट्ठा आदि का सेवन किया जाना चाहिए। प्रारंभिक सलाह के लिए 104 आरोग्य सेवा केन्द्र से निःशुल्क परामर्श भी लिया जा सकता है। उल्टी, सिर दर्द, तेज बुखार की दशा में निकट के अस्पताल अथवा स्वास्थ्य केन्द्र से जरूरी सलाह लेना चाहिए।
लू लगने पर किये जाने वाला प्रारंभिक उपचार
लू लगने पर प्रारंभिक उपचार के रूप में विभिन्न बातों को ध्यान रखते हुए किया जा सकता है इनमें बुखार पीड़ित व्यक्ति के सर पर ठण्डे पानी की पट्टी लगना, अधिक पानी व पेय पदार्थ पिलाना जैसे कच्चे आम का पना, जल जीरा आदि, पीड़ित व्यक्ति को पंखे के नीचे हवा में लिटा देना, शरीर पर ठण्डे पानी का छिड़काव करते रहना, पीड़ित व्यक्ति को यथाशीघ्र किसी नजदीकी चिकित्सा केन्द्र में उपचार हेतु ले जाना तथा मितानिन ए.एन.एम. से ओ. आर. एस. के पैकेट हेतु संपर्क किया जाना चाहिए।