स्याही से नहीं सुनी, तो खून से लिखा इंसाफ का खत – 70 साल की दलित महिला की गुहार राष्ट्रपति तक पहुंची

स्याही से नहीं सुनी, तो खून से लिखा इंसाफ का खत – 70 साल की दलित महिला की गुहार राष्ट्रपति तक पहुंची

April 22, 2025 0 By Ajeet Yadav
गरियाबंद । गरियाबंद ज़िले के छूरा ब्लॉक से एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है, जहाँ 70 वर्षीय दलित महिला ओम बाई बघेल ने न्याय की आस में अपने खून से राष्ट्रपति को चिट्ठी लिखी है। टीबी जैसी गंभीर बीमारी से जूझ रही बुजुर्ग महिला का आरोप है कि उसकी पुश्तैनी जमीन पर जबरन कब्जा किया गया और उसके पूर्वजों की मठ (समाधि) को भी तोड़ दिया गया।

ओम बाई का कहना है कि उसने परंपराओं के अनुसार अपने पुरखों की याद में जमीन पर समाधि बनाई थी, लेकिन छूरा के रहने वाले संतोष सारडा ने उस मठ को ढहा दिया और जमीन पर कब्जा कर लिया। पीड़िता ने यह भी आरोप लगाया है कि उसके साथ दुर्व्यवहार किया गया और जब उसने स्थानीय प्रशासन, कलेक्टर और एसपी से लेकर तमाम अधिकारियों से न्याय की गुहार लगाई, तो उसकी बातें अनसुनी रह गईं।

न्याय की उम्मीद में थकी-हारी ओम बाई ने अंततः एक ऐसा कदम उठाया, जिसने सबका ध्यान खींचा – उसने अपने खून से राष्ट्रपति को चिट्ठी लिख डाली। इस पत्र में उसने अपने साथ हुए अन्याय और प्रशासनिक चुप्पी की पूरी कहानी बयान की है।