
पूर्व मुख्यमंत्री अपना गढ़ भी नहीं बचा पाये, इधर, मंत्री की बहू चुनाव हारी
February 16, 2025
निकाय चुनाव में भाजपा की आंधी चली है। महापौर से लेकर पार्षद तक की जीत में भाजपा का दबदबा रहा है, बावजूद कई जगहों पर अप्रत्याशित तौर पर भाजपा को भी हार का सामना करना पड़ा रहा है। मंत्री श्यामबिहार जायसवाल की बहू चुनाव हार गईं हैं। कांग्रेस की रीमा ने चंपा जायसवाल को 44 वोट से हरा दिया है।
झगराखांड नगर पंचायत में कांग्रेस की रीमा यादव ने चंपा जायसवाल को 44 वोट से हरा दिया है। CM के क्षेत्र कुनकुरी में कांग्रेस ने कब्जा कर लिया है। यहां कांग्रेस प्रत्याशी विनय शील ने भाजपा प्रत्याशी सुतबल यादव को हराकर अध्यक्ष पद पर कब्जा कर लिया है।
इधर, पूर्व सीएम भूपेश बघेल को बड़ा झटका लगा है। भूपेश बघेल की नगर पंचायत पाटन में कांग्रेस उम्मीदवार की हार हुई है। भूपेश बघेल, दुर्ग जिले की पाटन विधानसभा सीट से विधायक हैं। ऐसे यहां कांग्रेस की हार के बाद एक बार फिर से संगठन पर सवाल खड़े हो रहे हैं। पाटन नगर पंचायत में भाजपा प्रत्याशी योगेश निक्की भाले ने 601 वोटों से जीत दर्ज की है।
कांग्रेस की हार की वजह आपसी गुटबाजी और बागी उम्मीदवारों का चुनाव मैदान में उतरना बताया जा रहा है। वहीं, दूसरी तरफ अमलेश्वर नगर पंचायत में भी बीजेपी को जीत मिली है। अमलेश्वर नगर पंचायत में पहली बार चुनाव हुए थे। इससे पहले यह ग्राम पंचायत थी। भूपेश बघेल के कार्यकाल में ही अमलेश्वर को नगर पंचायत घोषित किया गया था।
झगराखांड नगर पंचायत में कांग्रेस की रीमा यादव ने चंपा जायसवाल को 44 वोट से हरा दिया है। CM के क्षेत्र कुनकुरी में कांग्रेस ने कब्जा कर लिया है। यहां कांग्रेस प्रत्याशी विनय शील ने भाजपा प्रत्याशी सुतबल यादव को हराकर अध्यक्ष पद पर कब्जा कर लिया है।
इधर, पूर्व सीएम भूपेश बघेल को बड़ा झटका लगा है। भूपेश बघेल की नगर पंचायत पाटन में कांग्रेस उम्मीदवार की हार हुई है। भूपेश बघेल, दुर्ग जिले की पाटन विधानसभा सीट से विधायक हैं। ऐसे यहां कांग्रेस की हार के बाद एक बार फिर से संगठन पर सवाल खड़े हो रहे हैं। पाटन नगर पंचायत में भाजपा प्रत्याशी योगेश निक्की भाले ने 601 वोटों से जीत दर्ज की है।
कांग्रेस की हार की वजह आपसी गुटबाजी और बागी उम्मीदवारों का चुनाव मैदान में उतरना बताया जा रहा है। वहीं, दूसरी तरफ अमलेश्वर नगर पंचायत में भी बीजेपी को जीत मिली है। अमलेश्वर नगर पंचायत में पहली बार चुनाव हुए थे। इससे पहले यह ग्राम पंचायत थी। भूपेश बघेल के कार्यकाल में ही अमलेश्वर को नगर पंचायत घोषित किया गया था।